माथुर सरस्वती

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About me

Gender Female
Industry Communications or Media
Occupation Educatinist ,Writer & Social Activist.
Location Rajasthan
Introduction विगत कई वर्षों से निरंतर लेखन। कविता, कहानी, पत्रकारिता, समीक्षा, फ़ीचर लेखन के साथ-साथ समाज साहित्य एवं संस्कृति पर देश की विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में नियमित प्रकाशन।शिक्षा व सामाजिक सरोकारों में योगदान, साहित्यिक गोष्ठियों व सामाजिक कार्यक्रमों में सक्रिय भागीदारी, विभिन्न साहित्यिक एवं शिक्षा संस्थाओं से संबद्ध, ऑथर्स गिल्ड ऑफ़ इंडिया, पब्लिक रिलेशंस सोसाइटी ऑफ़ इंडिया (राजस्थान चैप्टर की सदस्य)।अध्यक्ष(PRCI)
Interests साहित्य अपने युग का आइना होता है, जो समाज से आपको जोड़ता है, किसी ने सच कहा है कि बिना अनुभूति के अभिव्यक्ति नहीं होती !यहाँ मैं उल्लेख करना चाहूंगी रवीन्द्रनाथ टैगोर की एक छोटी कविता का जिसे पढ़ कर मुझे जीवन जीने की प्रेरणा मिली है ! कवि रविंद्रनाथ टैगोर की कविता का अंश है : "सांध्य रवि ने कहा मेरा काम लेगा कौन ? रह गया सुनकर जगत सारा निरुत्तर मौन एक माटी के दिए ने नम्रता के साथ कहा जितना हो सकेगा मैं करूँगा नाथ !" इस कविता में माटी के दिए की रोशनी हमारी अनुभूतियों को जगाती है, उन्हें बेजान होने से बचने का अवसर प्रदान करती है !यह ऱोशनी मुझे लिखने की प्रेरणा देती है मेरी अनुभूतियों को अभिव्यक्ति को साकार करती है और सकारत्मक साहित्य से जोड़ती है !
Favorite Music पुराने गाने व गजलें तलत महमूद हेमंत कुमार

How is an ankle unlike a consequence?

मेरा पेज : मैं देखती चली गयी मनपसंद ब्लॉग ,ई पत्रिकाएँ व समूह 1 अभिव्यक्ति अनुभूति , लेखनी, हिन्दी हाइकु ,त्रिवेणी