nishtar

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About me

Gender Male
Industry Accounting
Occupation Writer
Location Bijnor, U.P, India
Introduction निश्तर ख़ानक़ाही (जन्म:-फरवरी 1930,निधन:-7 मार्च 2006 बिजनौर,उ.प्र)उर्दू भाषा सहित्य के रचनाकार है। सहित्य का एक ऐसा नाम,जिसे भारत और पाकिस्तान के सहित्य जगत में एक जैसा सम्मान प्राप्त है। उर्दू शायरी से आरंभ करके हिन्दी सहित्य में उतरते हुए निश्तर ख़ानक़ाही ने कई मंजिलें तय की, और बाधाओं के सिर पर सवार होकर वे हमेशा आगे निकलते गए।उर्दू में उनके चार ग़ज़ल-संग्रह प्रकाशित हुई-"मेरे लहू की आग","दस्तरस","शेरे-मन","मंज़र-पस-मंज़र"। हिन्दी में प्रकाशित ग्रंथ हैं-धमकीबाज़ी के युग में(व्यंग्य),'मेरे ग्यारह एकांकी','ग़ज़ल मैंने छेड़ी', 'मोम की बैसाखियां'(ग़ज़लें),'कैसे-कैसे लोग मिले'(रेखाचित्र संस्मरण),'दंगे-क्यों और कैसे','विश्व आतंकवाद:क्यों और कैसे','मानवाधिकरा:दशा और दिशा',ग़ज़ल और उसकी व्याख्या। आपने उर्दू में 'शाहराह','बीसवीं सदी'और 'मुशाहिदा' नाम की पत्रिकाओं का संपादन भी किया। उनका पूरा समय बिजनौर में गुज़रा, जहाँ उन्होंने अनेक पत्र-पत्रिकाओं का संपादन किया और अपना साहित्य-सृजन करते रहे। 7 मार्च 2006 को उनका देहावसान हुआ। इस तरह वह दीप सदा के लिए बुझ गया जिसने अपनी जीवन की बत्ती को कण-कण जलाकर उर्दू-हिन्दी सहित्य का पथ आलोकित किया। उनकी कलाम को आप तक पहुंचाने के लिए ये ब्लॉग उनकी छोटी बेटी डॉ शगूफा अंबर द्वारा बनाया गया जो पेशे से एक एमबीबीएस डॉक्टर है।
Favorite Books मेरे लहू की आग, धमकी बाज़ी के युग में, हिंसा कैसी-कैसी