डॉ० कुअँर बेचैन
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Gender | Male |
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Industry | Education |
Occupation | Poet |
Location | Ghaziabad, U.P., India |
Introduction | हकीकत ही बताता है न अपना राज़ देता है।---- मुझे मेरे ही अन्दर से कोई आवाज़ देता है।।------------------------------------------------------------------ कविता परमात्मा का दिया हुआ प्रसाद है जिसे हमें समाज को बाँटना है।प्रसाद में परिमाण नहीं देखा जाता, मात्रा नहीं देखी जाती,वस्तु नहीं देखी जाती, बाज़ारी भाव नहीं देखा जाता, देखा जाता है तो प्रसाद देने वाले और ग्रहणकर्ता का भाव। कवि और पाठक का संबंध भी कुछ ऐसा ही है। |