जीत भार्गव
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Gender | Male |
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Industry | Communications or Media |
Location | India |
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Introduction | 'समर शेष है, नहीं पाप का भागी केवल व्याध, जो तटस्थ हैं, समय लिखेगा उनका भी अपराध' -राष्ट्रकवि रामधारी दिनकर. और मैं यह अपराध नहीं कर सकता. जब तथाकथित मुख्यधारा का मीडिया, बुद्धिजीवी और संस्थान भारत के तथाकथित 'सेकुलरवाद' के नाम पर देश को गुमराह करें, तब मेरे जैसा अदना-सा व्यक्ति कलम उठाता है. जब जेहादियों , धर्मांतरण को उतारू मिशनरियों और अलगाववादियों के सुर में सुर मिलाकर हमारा मीडिया, राजनैतिक दल, तथाकथित बुद्धीजीवी, कलाकार, लेखक और मानवाधिकारवादी हिन्दू दमन को ही सेकुलरिज्म का जामा पहनाये. जब हिन्दू विरोध ही सेकुलर होने की पहली शर्त हो जाए. जब देश की सुरक्षा और सम्पन्नता से ऊपर वोट बैंक हावी हो जाए, जब तुष्टिकरण को ही सेकुलरिज्म कहा जाए, तो भाई इस सेकुलरिज्म पर उंगुली उठाना लाजिमी है. Anti-Sick-ulars Writers May Join Us. |
Favorite Books | India:The Wounded Civilization By VS Naipaul. Secular Agenda By Arun Shaurie. Bunch of Thoughts By Guru Golvalkar. |