कवि प्रदीप पाठक
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Gender | Male |
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Industry | Education |
Occupation | शिक्षक |
Location | delhi, दिल्ली, India |
Introduction | प्रदीप नाम है मेरा जलना ही काम है मेरा जलता हूँ की दूसरों को रोशनी दे सकूँ, इस से बेहतर क्या अंजाम है मेरा ! प्रदीप नाम है मेरा । देवालय में जलाया जाता हूँ ईश्वर के सामने, स्वागत में जलाया जाता कभी, तो कभी किसी के सम्मान में। दीपक, दीप, दिया उपनाम है मेरा प्रदीप नाम है मेरा । मैं कोई आग का शोला नहीं बस एक छोटी सी लौ हूँ हवा क हल्के झोंके से जो फड़फड़ाती है, वो मैं हूँ ......... चाहता हूँ कोई हाथों से लौ थाम ले मेरा प्रदीप नाम है मेरा । जलता रहूँगा जबतक जहाँ को रोशन कर जाऊंगा बुझ गया तो क्या ? तेल डालकर फिर से जलाया जाऊँगा जलना ही ज़िंदगी है मेरी, और फिर से जलाया जाना..... इनाम है मेरा । क्योंकि........ प्रदीप नाम है मेरा । |
Interests | हिन्दी कविता |
Favorite Books | मुझे चाँद चाहिए, सुनीता, त्यागपत्र, रश्मिरथी, गोरा, खुरदुरी हथेलियाँ, अपनी केवल धार |
Please come up with a more appropriate name for the ringtoe:
If you could peer far enough into the night sky, you'd see a star in any direction you looked. When would you sleep?