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सागर
On Blogger since: August 2008
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About me

GenderMale
IndustryStudent
Occupationएम . ए. हुए, न नौकर हुए, ना पेंशन लिए और मर गए.
Locationनई दिल्ली, दिल्ली, India
LinksAudio Clip
Introductionआप देखते हैं महानुभाव कि तर्क एक अच्छी चीज़ है, इससे इंकार नहीं किया जा सकता, लेकिन तर्क सिर्फ मनुष्य के बौद्धिक पक्ष को ही संतुष्ट कर सकता है, जबकि ‘स्वतन्त्रयेच्छा’ संपूर्ण जीवन की अभिव्यक्ति है। मेरे कहने का अर्थ है जिसमें तर्क और कल्पना भी सम्मिलित है, हालांकि इसके अनुसार चलने में खतरे ही खतरे हैं। लेकिन इसके बावजूद एक जीवन है, किसी संख्या का स्क्वायर रूट निकालना नहीं। उदाहरण के लिए मैं अपने जीवन को अपने समस्त सामर्थ्य के साथ जीने में विश्वास करता हूं। सिर्फ बौद्धिकता के साथ नहीं, जो कि मुश्किल से मेरी जिजीविषा का 1/20वां अंश है। बुद्धि से आप अधिक से अधिक क्या जान सकते हैं? बुद्धि उतना ही समझ सकती है जितनी उसकी सीमा है। और शायद कुछ चीज़ें ऐसी हैं जिन तक यह कभी नहीं पहुंचेगी। मनुष्य चेतन और अंतश्चेतन की पूर्ण इकाई के रूप में कर्म करता है और हालांकि यह कुछ अतर्क्य सी स्थिति है, फिर भी वह इसे जीता है। --- फ्योदोर दास्तोएवस्की। मेरे लिए।
InterestsOne Night Stand!
Favorite moviesरे सागर, जीते तो वैसे ही हो जैसे जीना होता है. यहाँ भरी भरकम नाम गिना के क्या करना ? फिर भी स्वार्थवश तुमने जिसमें खुद को पाया वो तो - मिस्टर एंड मिसेज अय्यर की मीनाक्षी, इन द मूड फॉर लव का जानलेवा संगीत, सूरज का सातवां घोडा के मानिक, तन्ना और जमुना हैं फिर भी 'प्यासा' है?
Favorite musicमदनमोहन, खय्याम, नौशाद, बेग़म अख्तर, Md. रफ़ी, मन्ना डे, नुसरत फ़तेह अली खान, फ़रीदा खानम, शारदा सिन्हा...
Favorite booksसरस सलिल
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