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Location KALYAN, MAHARASHTRA, India
Introduction ......यूं तो संरक्षा हम सबके साथ जीवन के अस्तित्व में आने से लेकर पञ्च-तत्त्व में विलीन होने तक सदैव जुडी है, जिसको अनदेखा करने का मतलव है खुद के और दूसरों के जीवन को संकट में डालना। विशेषतः जब हम किसी जिम्मेदारी के तहत कोई विशेष काम करते हैं तो वह हमारा नैतिक कर्त्तव्य हो जाता है की हम उस काम को अपनी जान से भी अधिक महत्व देकर करें। क्यों कि मैं रेलवे से जुडा एक साधारण व्यक्ति हूँ अतः रेल-संरक्षा से जुड़े हरपहलू पर नजर रखते हुए संरक्षा विषय पर कुछ शब्दों को जोड़ने का प्रयास करता रहता हूँ। मेरा यह प्रयास यदि आपकी सराहना का पात्र बन सका तो मैं इसे सफल समझूंगा। संपर्क- +919320121070 ई-मेल- aaksharma3@gmail.com