ADITYA BHUSHAN MISHRA
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Gender | Male |
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Industry | Law |
Occupation | STUDENT |
Location | India |
Introduction | "फ़ाको को भी मस्ती में जीते हैं, बस्ती-२ फरयाद नहीं करते सच कहते हैं अथवा चुप रहते है, हम लफ़्ज़ों को बर्बाद नहीं करते"......... . अब ख़ुद के बारे में जियादा कुछ कहूँ तो लफ्ज़ बर्बाद ही होंगे. आज तक ऐसा कुछ किया नहीं, जिसे फक्र के साथ कह सकूँ और वैसे भी ख़ुद के बारे में ख़ुद क्या कहें नहीं जानता. आज तक ख़ुद के लिए जुस्तजू ही बना हुआ हूँ , अब उस दरम्याँ जो कुछ थोडा बहुत जाना है, या जानने का भ्रम हुआ है उसे लफ़्ज़ों की सजा क्यों दें. |