Er. G.N. Patre (Satybodh)

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Gender Male
Industry Engineering
Occupation Civil engineer
Location Bilaspur, Cg, India
Links Audio Clip
Introduction गाँव मोर जी सेंदरी,गजानंद हे नाम। मुंगेली परथे जिला,अभियंता हे काम।।1 रहिस दुकलहिन मातु जी,लैनदास हे बाप। देखत सुघ्घर लागथे,सातों भाई खाप।।2 छोटे हँव मैं सातवां,छै भाई के पाठ। कोन तोड़ सकही भला,हमर मया के गाँठ।।3 ऊषा जीवन-संगिनी,जिनगी भर के साथ। चाहे कतको दुख पड़े,सदा बढ़ाथे हाथ।।4 गुरु मन के आसीस ले,करथँव रचना छोट। सार सार गुन देत हे,दूर करँय सब खोट।।5 ✍​ईंजी.गजानंद पात्रे *सत्यबोध*
Interests लेखन, संगीत
Favorite Movies सभी पुराने फ़िल्म
Favorite Music छत्तीसगढ़ी गीत, पुराने हिंदी गाने।
Favorite Books मुंशी प्रेमचंद की कहानियाँ। गजानंद मुक्तिबोध की रचनायें।