Amitabh Jha (प्रवासी | Pravasi | The Migrant)

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Introduction जर्मनी में बसा हूँ, हिंदी में लिखना शौक, सोर्स कोड लिखना पेशा. बिहार के मधुबनी जिले में एक छोटे से खुबसूरत और हरे-भरे गांव से हूँ. पटना से मेट्रिक किया फिर आई आई टी और बी आई टी की तय्यारी में वर्षों तक लगा रहा किन्तु सफलता हाथ नहीं लगी. बहुत ठोकरे खाई. 2000 में एक किताब पढ़ी शिव खेरा की, "यू कैन विन". किताब का पहला पृष्ठ मन में बैठ गया "गुब्बारे का बाहर का रंग नहीं, उसके अंदर की बात उसको ऊपर ले जाती है". अच्छी किताब है, जब मौका मिले जरुर पढ़िए. मैनेजमेंट में स्नातकोत्तर डिप्लोमा ली, छोटी मोटी नौकरी की, फिर बंगलोर आ गया. नौकरी के लिए बैंगलोर की गलियों की खाक छानी और धीरे धीरे आगे बढ़ता गया और आज ठीक ठाक स्तिथि में हूँ एक आई टी प्रोफेसनल के रूप में. Instagram: amitabhrjha Twitter: amitabhrjha Facebook: amitabhrjha Amazon: https://www.amazon.in/dp/1647601037 कविताकोश: http://kavitakosh.org/kk/अमिताभ_रंजन_झा_'प्रवासी%27 YouTube: https://www.youtube.com/user/amitabhrjha YourQuote: https://www.yourquote.in/amitabh-jha-s23o
Interests NRI from Germany with interest in Travel, Poetry and Analytics. You can find vidoes of Poetry recitation, Ttravel and Analytics of Popular twitter trends related to Bihar, Maithils and Mobility on YouTube
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