Dr. Nathuni Pandey
My blogs
Gender | Male |
---|---|
Industry | Education |
Occupation | अध्यापन |
Location | गढ़वा, झारखण्ड |
Introduction | गीत शास्वत हैं। किसी भी राष्ट्र की पहचान उसके साहित्य संगीत और कला से होती है।जहाँ की ललित कलाएं जितना अधिक समृद्ध होंगी, वह स्थान अपनी सांकृतिक पहचान को चिरकाल तक बनाये रखने में समृद्ध सिद्ध होगा। शिक्षा की पूर्णता संस्कारयुक्त चरित्र निर्माण कराने में होती है। श्रेष्ठ शिक्षक वही है, जो अपने विषय के साथ - साथ अध्यापन क्षमता में भी उत्कृष्ट हो। उत्तम अध्यापक ही उत्तम छात्र का चयन कर सकता है । कलामय संस्कृति व्यक्ति के जीवन को आनंदित करती है तथा परिवार और समाज को एक सूत्र में बांधती है । लोक चेतना हमारी प्राण धारा है और लोक मंगल हमारा अभीष्ट । लोक के बगैर कला की कल्पना नहीं की जा सकती। लोक में प्रचलित , लोक द्वारा रचित एवं लोक के लिए लिखे गए गीत लोक गीत कहलाते हैं। लोक गीत में धरती गाती हैं,पहाड़ गाते हैं,फसलें गाती हैं,उत्सव और मेले ऋतुएं और परम्पराएं गाती हैं। अध्यापन और लोक कला के प्रति समर्पण ही मेरे जीवन का लक्ष्य है। |
Interests | अध्यापन ;लेखन ; गायन ;प्रसारण |
Favorite Movies | लगी नाहीं छूटे राम ; तीसरी कसम ;खानदान; बागबान; नदिया के पार ; गंगा किनारे मोरा गाँव |
Favorite Music | लोक संगीत ; ग़ज़ल और पुराने फिल्मी गीत |
Favorite Books | गोदान; मैला-आँचल ;आसावरी ;गीतिका; मधुशाला ; उजाले अपनी यादों के; साए में धूप; आंखों भर आकाश; अंजुरी भर मोती ;मनसायन ;बयार पुरवैया |