Vijay Singh Butola
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Gender | Male |
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Industry | Agriculture |
Occupation | Mushroom Cultivation, Integrated Farming |
Location | Uttarakhand, India |
Introduction | प्रिय उत्तरांचली मित्रो, आप सभी को मेरा आदर युक्त सादर सेवा भाविक नमस्कार,| मेरा नाम विजय सिंह बुटोला है | मैं मूल रूप से टिहरी गढ़वाल उत्तराखंड का निवासी हूँ | वर्तमान समय में मैं परिवार सहित दिल्ली में रहता हूँ | आज इन्टरनेट के मध्यम से हम सभी उत्तराखंडी एक दुसरे के साथ जुड़े हुए है तथा किसी न किसी रूप में उत्तराखंड की विभिन्न समाज सेवी संस्थाओ के द्वारा हम सभी वहा के जन-समुदाय के लिए अपने अपने सामर्थ अनुसार जुड़े हुए है | जिन्होंने अपने सतत प्रयासों द्वारा दुनिया भर में बसे उत्तराखंडियों को इंटरनेट के मध्यम से जोड़ा हुआ है , जहाँ हम सभी सफलतापूर्वक अपनी क्षमता और संसाधनों का विभिन्न रूपों में उत्तराखंड राज्य तथा उसके निवासियों के विकास के लिए उपयोग करते हैं |यह वास्तव में एक उत्कृष्ठ व सराहनीय प्रयास है| एक उत्तराखंडी होने के नाते मैं आप सभी से आशावान हूँ कि आपके दृढ-निश्चय और लगनशीलता से किए गए प्रयासों से ही हमारा उत्तराखंड निश्चय ही एक सम्रध व विकसित राज्य बन सकेगा | |
Interests | Passions: भिन्न-भिन्न प्रकार की बाईक्स चलाना, कवितायें लिखना, ड्राइविंग, समाज सेवा, कृषि कार्य (बागवानी) ट्रेकिंग, और बहुत कुछ ... Sports:क्रिकेट, बाक्सिंग, बाइक रेसिंग, कुश्ती, दौड़, सायक्लिंग. Activities:नए नए मित्रों की खोज करना, यात्रा करना (घुमना-फिरना) घर के काम में अपनी प्यारी पत्नीजी की सहायता करना (सिर्फ छुट्टी के दिन, कभी कभी उनके काम में अधिक व्यस्त होने पर ही ) रविवार या छुट्टी के दिन खाना बनाना मेरी ड्यूटी है (अपनी मर्जी से यार) Cuisines: माँ के हाथ का बना खाना, राजमा-चावल, कढ़ी-चवाल, मटन, चिकन, हरी सब्जिया, खूब सारा सलाद, दही और पारंपरिक पहाड़ी व्यंजन. |
Favorite Movies | दो आख्ने बारह हाथ, घरजैवे, रंग दे बसंती, ब्लैक, हंगामा, दोस्ती, जाने भी दो यारों, मदर-इंडिया, अर्थ, सत्या, चांदनी-बार, विवाह TV Shows: डिस्कवरी चैनल, आजतक, ए. एक्स. एन., एच.बी. ओ., वाइस आफ इंडिया, एम टीवी रोडीस, नेशनल जुओग्रफिक, कस्तूरी, आस्था, स्टार गोल्ड, स्टार मूवीस, आई बी एन ७ |
Favorite Music | गढ़वाली व कुमोउंनी गीत, दर्द भरे हिंदी गाने, युगल गीत, भजन, कवितांये और ग़ज़ल| |
Favorite Books | पहले बहुत पढता था, अब कोई अच्छी मैगजीन मिले तो पढता हूँ. अब तो अपने बच्चो की ही किताब पढ़नी पड़ती है (पत्नीजी कहती हैं.......सुनो इनको भी थोडा पढ़ा लो...जब देखो टीवी से चिपके रहते है.) |