रंजन गोरखपुरी

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Gender Male
Location लखनऊ, उत्तर प्रदेश, India
Introduction कद-ए-’फ़िराक’ से रौशन है शहर-ए-गोरखपुर, खुदा करीम है ’रंजन’ से भी गुमां होगा... अगर ये कहें कि जगजीत सिंह साहब और चित्रा जी की गज़ल गायकी ने ज़हन के शायर को जन्म दिया तो को‌ई अतिशयोक्ती नही होगी! पहले उनकी गा‌ई गज़लों में अपने शेर लिखता था, फिर धीरे धीरे कलम ने अपना रास्ता तय किया! यकलख्त ज़िन्दगी ने इक हसीन मोड लिया और लिखना जैसे आदत सी बन ग‌ई! एक दफ़े लिखा था: बेज़ौक और बेखयाल जी रहे थे हम, मासूमियत की दीद ने शायर बना दिया... लखन‌ऊ में अदब के जानकारों से उर्दू अदब, उस्लूब और अरूज़ की बेहद मुफ़ीद जानकारियां हासिल की और कुछ टूटे फूटे शेरों से शुरु हु‌आ ये सफ़र आज मुसलसल गज़लें और नज़्मों तक पहुंच गया है! सफ़र बादस्तूर जारी है और बीते सफ़र की यादों का गुलदस्ता है ’दयार-ए-रंजन’...