कमल

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About me

Gender Male
Industry Technology
Location Almora, uttarakhand, India
Introduction जो भी मिटा रहा हूं, दुबारा लिखुंगा । कलम का चलना कविता नहीं बना सका | कलम टूट जाने से ही कविता बने तो बने । याद है अभी मुझे, बैठक की खिड़की, बिस्तर पे चाय के धब्बे, कहानी की ’नाट इ्न्ट्रेस्टेड” नायिका, चीड़ से घिरे रास्ते | भुला देना चाहता हूं, लिखने का ये कलह, ये स्वर्ण हिरन की चाह, खट्टी चटनी और तिमिर के फूल, अवसाद के ग्रंथ, खुशियो की पराबैंगनी किरणें, नई किताबें ,गिरी हुई स्याही , टूटे हुए घर में किराए के घोंसले , हमारा-तुम्हारा, तेरा मेरा ! अप्रीत के पत्र 'EPILOGUE' की तरफ़ बढ़ रहे है, एकाकी को खुद का साथ मिलने की संभावना बन रही है, HENCE जीवन -और कुछ वर्ष| अस्तित्व-अंतहीन । खुश होकर बिछड़ जाओ के बता रहा हूं,हम नींद में हैं !! सपना टूटने तक. संशय सहित, तुम्हारा ।

What Really I have to do.