authorsanjeev
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Gender | Male |
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Industry | Arts |
Occupation | author |
Location | dumka, jharkhand, India |
Introduction | देहाती, भदेश, असामाजिक.... जिससे सभी मित्र, रिश्तेदार अक्सर नाराज रहते हैं, और घमंडी भी कहते है। ऐसा आवारा किस्म का इंसान जो बोलता ज्यादा है करता कुछ भी नहीं। ज़िन्दगी बेतरतीब जीने की आदत है। अतीत का व्यसन है। वर्तमान नीरस, और भविष्य का कोई नियोजन नहीं। सो जिन लोगों को असफल लोगो से प्यार होता है उनका स्वागत करता हूँ। बाकियों को बाबा द् ग्रेट रणछोड़ दास श्यामल दास छाँछड़ के पास भेज देता हूँ। लिखने-पढ़ने जैसा फालतू का शौक है, यह तो नहीं कह सकता पर कभी-कभी कुछ मन मे होता है तो लिख देता हूँ। डिग्री, पदवी, ओहदे से कोई ताल्लुकात नहीं है। वैसे मज़ाक-मज़ाक में थोड़ी-बहुत पढ़ायी हो गई है और आगे की पढ़ायी कैसे हो, इस विषय की अपनी ही दुविधाएँ नाज-नखरों के साथ बनी हुई है। खुद को तो कभी समझ नहीं पाये, तो दूसरों को क्या खाक समझेंगे? सो ना सलाह देता हूँ; ना ही लेता हूँ। अदब से थोडा कमजोर और आदत से जज़्बाती मैं ब्लू लेबल सोमरस का बड़कऊवे दीवाना हूँ। अगर आप चचा गालिब की दो लाइनों संग शाम की लहरें और ब्लू लेबल को एक साथ पसंद करते हैं; तो हमसे मिलने का कोई कॉमन-सा रास्ता तलाश सकते हैं। बस यही परिचय है अपना। और इसमे मेरा कुछ भी अपना नहीं है। सब कुछ उधार का है। |
Interests | किताबें पढ़ना, घूमना-फिरना, ख़ाक छानना इत्यादि |
Favorite Movies | जोकर। मार्वल्स। डी०सी०। अधिकतर हॉलीवुडिया फ़िल्में। |
Favorite Music | मेलोडी। पुराने गाने। |
Favorite Books | वे दिन। मॉथ स्मोक। हैरी पॉटर। चंद्रकांता, मंटो की कहानियाँ इत्यादि |