विकास यादव

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About me

Gender Male
Industry Communications or Media
Occupation Journalist
Location चंडीगढ़/पंचकूला, हरियाणा, India
Introduction हजारों ख्वाहिशें ऐसी कि... अंडे में बंद पक्षी के बच्चे को लगता है कि अंडे के आवरण तक ही उसकी दुनिया है। वह उसी में रमा रहता है। जब खोल टूटता है तो उसका बाहर की दुनिया से परिचय होता है। अब उसे घोसले तक दुनिया नजर आती है। पंख निकलने पर जब छोटा पक्षी फूदकने लगता है तो उसका यह भ्रम भी टूट जाता है। उसे लगता है कि वह कितना गलत सोच रहा था। उसके आसपास कितने पेड़-पौधे, नदी-बावड़ी, दूसरे पक्षी आदि न जाने कितनी चीजें हैं। अब उसकी दुनिया का कुछ विस्तार होता है। जब वह पूरी तरह उडऩा सीख जाता है तो उसे मालूम होता है कि उसकी कोई सीमा नहीं है मीडिया को जानने की ललक में अध्ययन के बाद इसी को अपने व्यवसाय के रूप में चुना। छोटे पक्षी की तरह शुरुआत में हिंदी और दैनिक भास्कर को ही अपनी सीमा समझा। जल्द ही हिंदी की सीमा टूट गई। अंग्रेजी का अध्ययन करना शुरू कर दिया। अमर उजाला की सीमा में प्रवेश कर दैनिक भास्कर की सीमा को भी तोड़ दिया। अब फिर से सीमाएं तोडऩे को जी चाहता है। जितना जानते जाते हैं, उतना ही कम लगता है। समय के साथ सीमाएं यूं ही टूटती रहें। नई सीमाएं वे सपने भी साथ लेकर आएं जो बेचैन रखें। मिसाइल मैन डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम आजाद ने ठीक ही कहा है कि सपने वो नहीं होते जो सोते हुए देखते हैं, बल्कि सपने वो होते हैं जो सोने नहीं देते। और मैं यूं ही बेचैन रहना चाहता हूं...
Interests Reading Newspapers, Editing news and watching movies.
Favorite Movies Mera Nam Joker, Mahobatain, Chandi Bar, Bandit Queen
Favorite Books Godan.