आशीष सिंह
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Introduction | दुनिया कहती है कि तुम्हारी बात हमें समझ नहीं आती। हमें है कि दुनिया ही समझ नहीं आती। दुनिया हमें पागल करार देती है और हम हैं कि पागल होने का रिस्क लेते हुए अभी भी समझने की कोशिश में जुटे हैं। चार सालों तक मीडिया के जरिए और फिर अब सोशल वर्क के जरिए। अब अपना प्रोफेशन बताएं,न बताएं क्या फर्क पड़ता है? |
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