Pankhuri Times
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Occupation | खूब सारी प्यारी,मासूम शरारतें करना, खूब हँसना ,खूब खेलना, खूब घूमना |
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Location | India |
Introduction | वो बीस दिसम्बर,२००८ की ठंडी रात थी, जब ईश्वर ने हमें अपने सबसे अनमोल तोहफ़े से नवाज़ा था.रात लगभग दस बजे के करीब आपरेशन थियेटर से नर्स उसे लेकर बाहर आई थी और मैंने अपनी बाहें फैला दी थीं. अगले ही पल गर्म शाल में लिपटी वो मासूम मेरी गोद में थी.कितनी नाज़ुक..., कितनी कोमल...,फूल और कली से भी ज़्यादा..., बिलकुल ओस में भीगी गुलाब की पंखुरी जैसी, तभी तो हमने उसे नाम दिया " पंखुरी "! हमने ईश्वर को लाख-लाख शुकराना अदा किया, उसकी रहमत और इस बेशकीमती नेमत के लिये और फिर मिठाइयाँ बाँटी गयीं, न्योछावर दिये गये.तब से हम उसकी एक-एक अदा पर निसार होते आ रहे हैं.ये ब्लोग उसकी मासूम अदाओं और भोले बचपन की खुशियों को अपने अपनों के साथ बाँटने की एक कोशिश है. ये ब्लोग हमारी नन्ही परी और दुनिया भर की उन सारी बेटियों के नाम है जो उजियारा बन कर अपने घर-आँगन को जगमगा रही हैं. पंखुरी का ये अखबार उन सभी माँ-पिता के भी नाम है, जिन्होनें अपनी बेटी के जन्म पर दिल खोल कर खुशियाँ मनायीं और अपनी परियों को उनके सपनीले आसमान में उडने के लिये अपने भरोसे के पंख दिये. |