Kumar Sudhindra 'सुधीन्द्र'

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About me

Gender Male
Industry Student
Occupation Research Scholar
Location New Delhi, Delhi, India
Introduction "खुद को मुसाफ़िर मानता हूँ मैं, यह ब्रह्मांड है मेरा घर।" मैं एक ऐसे समाज की कल्पना करता हूँ जहां इंसानियत के बजाय कोई और तथाकथित 'धर्म' नहीं हो। जहां किसी भी व्यक्ति को उसकी जाति, रंग, नस्ल, लिंग और क्षेत्र से नहीं बल्कि उसकी खुद की पहचान से जाना जाएँ। मैं यह जानता हूँ समाज को लेकर मेरी यह कल्पना हर उस इंसाफ, अमन और समानता पसंद इंसान की कल्पना हैं जो वर्तमान समय में भेदभाव और हिंसा से भरे समाज से प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से त्रस्त है।