दीपक कुमार झा

My blogs

About me

Gender Male
Location नई दिल्ली , दिल्ली , India
Introduction हे प्रभो ! मुझपर बस इतनी दया करना कि: धोखे और गद्दारी से धनार्जकों के बीच मैं गरीब रह सकूँ. भिक्षा से पदार्जकों के बीच मैं पदहीन रह सकूँ. चाटुकारिता से सफल्तार्जकों के बीच मैं असफल रह सकूँ घुटने टेक कर वरदहस्त के आशिर्वादार्जकों के बीच मेरा शीश आकाश तक व्यवधानहीन रहे, मेरा शरीर केवल मेरे शील के आवरण से आवेष्ठित हो, मेरी खोज एक मित्रतापूर्ण ह्रदय के लिए हो, अपनी रोटी मैं केवल अपने पसीने से खरीदूं, और जब मैं यहाँ से विदा लूँ तो मेरा कफ़न केवल आत्मसम्मान हो.. (कादम्बिनी के पूर्व संपादक के द्वारा लिखित ये पंक्तियाँ मेरे मन को छू जाती हैं और मैं भी यही प्रार्थना प्रभु से करता हूँ )