विनोद मिश्रा

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About me

Location अयोध्या, उत्तर प्रदेश, India
Introduction बचपन मे ही नही बल्कि जवान होने से पहले तक प्रभात टाकीज़ के दरवाज़ो की झिर्री से चुप चुप के सिनेमा देखना सीखा , फिर किसी तरह से लखनऊ पहुँच गया . मेडिकल मे भर्ती ली और बन गया डॉक्टर . होमियोपैथी की मीठी गोलियो से इतर अब भी मन करता है कि काश प्रभात मे झिर्री हो और मैं हूँ ..लेकिन ऐसा अब मुमकिन नही , ब्लॉग मे ऐसा मुमकिन है तो सोचा यही से ना सिर्फ़ प्रभात की झिर्री से देखूं बल्कि दुनियावी झिर्री को भी महसूस करूँ . यक़ीन मानिए , मैं छपास रोगी नही ..