कार्तिकेय मिश्र (Kartikeya Mishra)
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Gender | Male |
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Industry | Law Enforcement or Security |
Occupation | ACP (CISF) |
Location | पेशे से पुलिसवाला.. दिल से प्रेमी.. दिमाग से पैदल.. हाईस्कूल की सनद में नाम है कार्तिकेय| , Delhi, India |
Introduction | अब अपनी क्या कहूँ! पूर्वांचल के एक छोटे से ज़िले महराजगंज के एक गाँव मे खालिस किसान परिवार में जन्मा, पला बढ़ा... थोड़ा बड़ा हुआ, तो और बड़ा बनने के लिये पिता ने शहर भेज दिया। माँ के आँचल तले पढ़ाई लिखाई हुई। ठीक-ठाक रहा तो उनकी उम्मीदें भी परवान चढ़ीं.. इण्टर के बाद एक साल आईआईटी की तैयारी(?) की। लखनऊ की आबोहवा लगी तो बिगड़ गया। माँ-बाप की उम्मीदों पर पानी फेर कर यूपीटीयू से सम्बद्ध एक प्राइवेट कॉलेज से बी.टेक करने के बाद मरकज़ी हुकूमत की खिदमत में वर्दी पहनकर हुकुम बजा रहा हूँ । ज़िन्दगी के जुम्मा-जुम्मा पचीस-एक साल जिये हैं, लेकिन बातें बूढ़ों की तरह करने का शौक है.. शायद बेवकूफी इसी को कहते हैं। कभी क्रिकेटर बनने की तमन्ना, कभी आई.ए.एस बनने की.. कभी शायरी का शौक़ चर्राया, कभी नेता बनने का। अभी तक तो यही है, आगे देखते हैं क्या बदा है..! एक बात अवश्य है, जहाँ भी हूँ, नियति से सतत संघर्ष में हार नहीं मानी है। कुछ पंक्तियाँ ऊर्जा स्रोत का काम करती हैं- क्योंकि सपना है अभी भी/इसलिये तलवार टूटी/अश्व घायल/कोहरे डूबी दिशायें/कौन दुश्मन, कौन अपने लोग/सब कुछ धुंध धूमिल/किन्तु क़ायम युद्ध का संकल्प है अपना अभी भी/क्योंकि सपना है अभी भी |
Interests | साहित्य, कला, ग़ज़लें, और शास्त्रीय संगीत.किसी ज़माने में क्रिकेट का भी शौक हुआ करता था. |
Favorite Movies | फिल्में देखने का शौक तो बहुत है पर फेवरिट बहुत थोडी सी हैं. तीसरी कसम (राजकपूर), अर्धसत्य आदि. हालिया फिल्मों में Pursuit Of Happiness, Flash Of The Genius, ब्लू अम्ब्रेला, गुलाल और तारे ज़मीन पर पसंद आयीं. |
Favorite Music | मूड पर निर्भर करता है.एकोन को भी सुन लेता हूँ, मेंहदी हसन को भी.कभी दोस्तों के साथ ऐसे गानों की भी तारीफ कर लेता हूँ जिसे ख़ुद अकेले में कभी सुनने की गुस्ताखी नहीं करूंगा.हाँ दो ग़ज़लें बहुत पसंद हैं-"राज की बातें लिखीं और ख़त खुला रहने दिया"(गुलाम अली ) और "चिराग-ऐ-तूर जलाओ" (मेंहदी हसन)... |
Favorite Books | एक लम्बी फेहरिस्त है.लगभग हर नई किताब फेवरिट हो जाती है--, दीवार में एक खिड़की रहती थी, मुझे चाँद चाहिए, दुष्यन्त कुमार की ग़ज़लें, नदी के द्वीप, गुल-ऐ-नगमा, तल्खियाँ, रसीदी टिकट, पाउलो कोएल्हो की द अलकेमिस्ट, o valkayries, पुखराज जैसे-जैसे पढता जाऊंगा, फेहरिस्त लम्बी होती जायेगी.... |