Mauli Singh

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Gender Female
Industry Communications or Media
Location New Delhi, India
Introduction " भड़का रहे हैं आग, लब-ऐ-नरमा गर से हम, खामोश क्या रहेंगे, ज़माने के डर से हम, कुछ और बढ़ गए जो अंधेरे तो क्या हुआ, मायूस तो नहीं हैं, तलुए सेहर से हम, ले दे के अपने पास फकत इक नज़र तो है, क्यूँ देखें ज़िन्दगी को किसी की नज़र से हम, माना की इस ज़मीन को न गुलज़ार कर सके, कुछ खार कम तो कर गए .. गुजरे जिधर से 'हम' ... "