Deepak Gautam

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About me

Gender Male
Industry Publishing
Occupation सिवाय शब्दों के कुछ भी नहीं मेरे पास। बस इन्हीं के आगोश में रूहानियत महसूस होती है। कागद कारे करने के कारोबार में एक दशक से ज्यादा बीत गया है। मीडिया मजूरी के बाद फिलवक्त गांव-घर की गोद में हूं।
Location Satna, Madhya Pradesh, India
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Introduction मध्यप्रदेश के सतना जिले के छोटे से गांव जसो में जन्म। माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के पत्रकारिता विभाग से 2007-09 में 'मास्टर ऑफ जर्नलिज्म' (एमजे) में स्नातकोत्तर। मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र में लगभग डेढ़ दशक तक राजस्थान पत्रिका, दैनिक भास्कर, राज एक्सप्रेस और लोकमत जैसे संस्थानों में मुख्यधारा की पत्रकारिता। लगभग डेढ़ साल मध्यप्रदेश माध्यम के लिए क्रिएटिव राइटिंग। इन दिनों स्वतंत्र लेखन में संलग्न। बीते 15 सालों से शहर दर शहर भटकने के बाद फिलवक्त गांव को जी रहा हूं। बस अपनी अनुभितियों को शब्दों के सहारे उकेरता रहता हूं। ये ब्लॉग उसी का एक हिस्सा है।
Interests जिंदगी ने जहां मोड़ दिया वहीं मुड़ गए, कभी तन्हा रहे कभी इश्क किया। जब तलक जिंदगी समझ आई, तो पता चला वक्त रेत की तरह मुट्ठी से फिसल गया है। अभी भी इश्क, अश्क, आवारगी और जिंदगी का राग समझने की जद्दोजेहद जारी है। बहुत पढ़ने, लिखने और कुछ रंगने की ख्वाहिशों के बीच मेरे कलेजे में भी गहरे तक गांव समाया है। किसी कील की तरह चुभा है, जिससे अक्सर रूहानियत का लहू टपकता रहता है। बस उसी के लिए कुछ करने की चाहत है।
Favorite Movies हर वो रचा गया सिनेमा, जिसे देखने के बाद दिमाग थोड़ा सा और सोचने पर मजबूर हो जाए। वो जिसे देख कर मैं थोड़ा सा और खुद को पा लूं। जिसे देखकर जेहन जाग जाए और इश्क आबाद हो आवारगी को हवा मिले।
Favorite Music जो रूह को सुकून दे सके, उसकी रूहानियत को हवा दे सके...वो पढ़ना, -लिखना और देखना-सुनना मुझे हमेशा भाता है।
Favorite Books वो जो अंदर पसरी बेचैनी को मार दे, जिंदगी को थोड़ा सा और करीब ले आए। जिसे पढ़कर दिल के सारे पैमाने छलक जाएं, लेकिन अश्क न छलकें। किसी ताजा हवा के झोंके सा जो जिस्म के पोर-पोर को अलहदा सुकून दे जाए।

If there's no I in team, why is there meat?

मैं तो खुद को मांज रहा हूँ. अपना बस यही फसाना है, आप अपना सुनाइए जनाब!