Rajendra Swarnkar : राजेन्द्र स्वर्णकार

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About me

Gender Male
Industry Arts
Location RAJENDRA SWARNKAR, बीकानेर,राजस्थान, India
Introduction मोम हूं , यूं ही पिघलते एक दिन गल जाऊंगा फ़िर भी शायद मैं कहीं जलता हुआ रह जाऊंगा... मूलतः काव्य-सृजक हूं। काव्य की हर विधा में मां सरस्वती की कृपा से लेखनी निरंतर सक्रिय रहती है। अब तक 3000 से अधिक छंदबद्ध गीत ग़ज़ल कवित्त सवैये हरिगीतिका कुंडलियां दोहे सोरठे हिंदी राजस्थानी उर्दू ब्रज भोजपुरी भाषा में लिखे जा चुके हैं मेरी लेखनी द्वारा । 300 से भी ज़्यादा मेरी स्वनिर्मित मौलिक धुनें भी हैं । मंच के मीठे गीतकार-ग़ज़लकार के रूप में अनेक गांवों-शहरों में काव्यपाठ और मान-सम्मान । आकाशवाणी और दूरदर्शन से भी रचनाओं का नियमित प्रसारण । 100 से ज़्यादा पत्र-पत्रिकाओं में 1000 से अधिक रचनाएं प्रकाशित हैं । अब तक दो पुस्तकें प्रकाशित हैं- राजस्थानी में एक ग़ज़ल संग्रह रूई मायीं सूई वर्ष 2002 में आया था , हिंदी में आईनों में देखिए वर्ष 2004 में । कोई 5-6 पुस्तकें अभी प्रकाशन-प्रक्रिया मे हैं! स्वय की रचनाएं स्वयं की धुनों में स्वयं के स्वर में रिकॉर्डिंग का वृहद्-विशाल कार्य भी जारी है। चित्रकारी रंगकर्म संगीत गायन मीनाकारी के अलावा shortwave listening और DXing करते हुए अनेक देशों से निबंध लेखन सामान्यज्ञान संगीत और चित्र प्रतियोगिताओं में लगभग सौ बार पुरस्कृत हो चुका हूं । CRI द्वारा चीनी दूतावास में पुरस्कृत-सम्मानित … … और यह सिलसिला जारी है … !! मोबाइल : 09314682626
Favorite Music भारत और पाकिस्तान के पुराने फिल्मी गीत, ग़ज़ल, सुगम संगीत और शास्त्रीय संगीत सहित भजन का विशाल संग्रह! नौ वर्ष की आयु से भी पहले से शुरू संगीत, लय और छंद के प्रति आकर्षण और समझ के आधार पर श्रेष्ठ संगीत को आत्मा का सच्चा आनंद मानता हूं ।