ज्योतिषाचार्य पं.विनोद चौबे
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- ''ज्योतिष का सूर्य'' ज्योतिषाचार्य पण्डित विनोद चौबे (Pandit Vinod Choubey Astrologer)
- पं.विनोद चौबे
- पं.विनोद चौबे (ज्योतिषाचार्य)
Gender | Male |
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Industry | Publishing |
Location | भिलाई, दुर्ग, छत्तीसगढ़, India |
Introduction | ' राष्ट्र देवो भव:' अर्थात् राष्ट्र देव तूल्य पूज्य होता है, और 'राष्ट्रे वयं जागृयाम:' अपने राष्ट्र के आमजनमानस को राष्ट्र के प्रति आस्थावान बनाते हुए राष्ट्र के संस्कृति की रक्षा करने हेतु लोगों में जागृति लाना ही हम सभी भारतीयों का परम कर्तव्य है। क्योंकि ''भारतस्य प्रतिष्ठा द्वे संस्कृति संस्कृतस्तथा'' अर्थात् विश्व के मानचित्र पर भारत को प्रतिष्ठित करने वाली दो वस्तु है पहला यहाँ की संस्कृति और दूसरा संस्कृत भाषा, यही दोनों वस्तुएँ पूरे विश्व को नतमस्तक करने को विवश करता है। संस्कृति का अभिप्राय पारस्परिक भाईचारा जो उपसंस्कृति, लोक-संस्कृति एक दूसरे को जोड़ने का काम करती है, वहीं संस्कृत वह भाषा है, जो विश्व की सभी भाषाओं की जननी है, और भारतीय संस्कृति के सिद्धांत-सूत्र लिपी मानी जाती है। भारतीय ऋषियों द्वारा प्रदत्त षड्वेदांग में ज्योतिष जिसे भारतीय यह 'अपरा' विद्या पूरे विश्व के लिए क्यों है चुनौती आजकल तथाकथित ज्योतिषियों की भरमार है, जो ज्योतिष समाधान के नाम पर अनर्गल भ्रम मात्र फैलाने का कार्य कर रहे हैं, इससे न केवल लोगों का ज्योतिष से आस्था समाप्त हो रही है, बल्कि हमारे देश से 'अपरा' विद्या का क्षरण हो रहा है, जो चिन्ता का विषय है। शिक्षा कल्पो व्याकरणं निरुक्तं छन्दसामिति । ज्योतिषामयनं चैव षडंगो वेद उच्यते ॥ आईए मिलकर हम सभी संकल्प लें की इस धरोहर की रक्षा करेंगे। |
Favorite Movies | रामायण महाभारत |
Favorite Books | वेद. ज्योतिष, उपनिषद |