जन सुनवाई @legalheal
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Location | India |
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Introduction | " पलकों से जो दो बूंद चुप से छिटक गयी, हर एक ने जाना जो बरसों से राज था. " शिक्षा प्राप्ति का मेरा सफ़र सरकारी स्कूल से विदेश में जाकर खत्म हुआ. मेरे स्कूल की वार्षिक स्मारिका से शुरू हुआ लेखन ब्लिट्ज और फिर नवभारत टाइम तक जा पहुंचा. बस उन्ही दिनों पढाई के दौरान " इंडीपेंडेंट मीडिया " से आया काम का बुलावा मैंने स्वीकार कर लिया. आज न्यायिक नियमावली के तहत अपने बारे में इससे अधिक नहीं लिख सकता पर आज भी जब किसी इंसान को परेशान देखता हूँ तो लगता है जैसे अभी बहुत कुछ बाकि है जीवन में करने के लिए. शुरुआत तो हमने अपने वकील शुभचिंतकों, पत्रकार व प्रशासनिक अधिकारी साथियों के साथ मिलकर कर दी है और अब समय है आपके साथ मिलकर इस भावना को एक साकार रूप देने का. मिलाईये हाथ क्योंकि कहने को तो हम भी हैं... पर बस कहने भर को, क्योंकि यदि अपनी सारी काबिलियत के बाद भी हम किसी को न्याय ना दिला सकें तो धिक्कार है हम पर. |